#MeToo के तर्ज पर Screenwriters (Story, Screenplay and Dialogue writers), lyrics writers and Music Directors, कोई भी creative persons और technicians अपनी आपबीती social media पर लिख सकते है!
#CreditPredator के नाम से एक मुहिम चलाया जा सकता है ताकि Credit हड़पने और इनसे जुड़े लोगों की संवेदनाओं के बारे में जागरूकता आएगी और आगे से कोई भी ऐसा करने से डरेंगे.
आप ये मत सोचिए कि कोई आपको break दे रहा है बल्कि ऐसा सोचिए कि वो आपकी रचना में दम है. अगर किसी के अंदर प्रतिभा है तो उन्हे कौन रोक सकता है भला! बहते पानी को कौन रोक सका है भला आजतक!
मैं इस film industry में इतना नया हूँ तब मुझे पता है कि बड़े directors और producers किसी writers की लिखी script का पहला page फाड़ कर अपना नाम लिख देते हैं बिना किसी शर्म और हया के... कई बड़े lyrics writer है जो किसी नए lyrics writers या music directors के लिखे गाने को अपना नाम दे देते हैं. कोई किसी का धुन चुरा लेते हैं! हम बात सिर्फ़ Directors और producers की ही नहीं कर रहें हैं अगर writing के पेशे से जुड़े लोगों ने भी ऐसा किया है और कर रहें हैं तो उनका भी नाम उजागर होना चाहिए! अगर किसी editor ने किसी फ़िल्म को edit किया है और credit किसी और को मिल गया. फ़िल्म में काम करने वाले ऐसे किसी भी technicians और creative लोग जिनका credit किसी ने खा लाया, हड़प लिया हो, वो सामने आएं और अपनी बात social media पर रख कर #CreditPredator मुहिम से जुड़े!
जावेद अख्तर साहब ने एक किताब में लिखा है कि उन्हें उस जमाने में कोई प्रोड्यूसर 600 रुपये महीना देकर कुछ लिखवाना चाहते हैं पर उनकी लिखी कृति पर उनका नहीं प्रोड्यूसर का नाम होगा. जावेद ऐसे ही जावेद नहीं बने... उन्होंने लिखा है की उस 600 रुपये से उसकी जिंदगी उस समय खुशहाल हो जाती पर वो अपना ज़मीर ज़िंदा नहीं रख पाते.
दूसरी तरफ Anurag Kashyap का भी किस्सा है जो वो खुद बताते है कि बिना पैसे और नाम के कितनी स्क्रिप्ट लिखी जो बनी है.... दोनों उदाहरण हमारे सामने है दोनों सफल है अपने लाइफ में... पर personally कभी अनुराग कश्यप का किस्सा Inspired नहीं किया क्योंकि उन्हों तो अपना कैरियर बना लिया पर इस credit नहीं देने, बिना नाम और पैसे के लिखवा लेने और Writers के स्थिति को और बदतर करने में ही योगदान दिया है. मेरे एक दोस्त Dinkar Sharma ने SWA के website पर एक article लिखा था पंडित मुखराम शर्मा के बारे मे कि कैसे वो इंडिया के पहले superstar writer थे जिनके घर के बाहर producers और directors की लाइन लगे रहती थी ... कैस उनके नाम से फ़िल्म बिकती थीं और लिखा आता था कि पंडित मुखराम शर्मा presents. उनके बाद writers में सलीम-जावेद की हीं जोड़ी का इतना बड़ा रुतबा रहा है. ये भी सोचने वाली बात है. मुझे हमेशा ये जानने की जिज्ञासा रहती है कि अनुराग कश्यप ने वो कौन सी scripts लिखी, फ़िल्म भी बनी पर उसपर नाम नहीं है उनका! अनुराग कश्यप ने #MeToo के मामले में अपनी गलती स्वीकारते हुए एक बड़ा कदम उठाया है क्या वो इस मामले मे भी ऐसा कर पाएँगे.
अगर किसी director को writer या written by लिखने का बहुत शौक है तो वो खुद की एक script लिखे तब पता चलेगा कि writing क्या होती है. सलीम साहब बहुत सही कहते हैं कि आपका ड्राइवर भी Writer होता है वो भी कहता है साहब ये होना चाहिए वो होना चाहिये!
Hollywood में Mario Puzo ने Godfather के director को नॉवल के बराबर एक ब्लैंक page की डायरी भेजी थीं और उसमे एक नोट लिखा था कि अब आप Godfather बना लीजिए. आज भी Godfather पर Mario Puzo's Godfather लिखा आता है.
मुझे भी Rakeysh Omprakash Mehra ने कहा था कि आप मेरे Mario Puzo है.. Krishnchander हैं.. Godfather तो देखी थी पर कृष्णचंदर को नहीं पढ़ा था आज भी नहीं पढ़ पाया हूँ उनकी कोई किताब.. पर अपने यहां के लोगों में किसी चीज़ का टैलंट कम गुमान ज़्यादा रहता है पर मेरे साथ ये सब होगा पता नहीं था.
बहरहाल मैं आशा करता हूँ कि Writers और सभी technicians भी अपनी आपबीती लिख कर सोशल मीडिया के जरिए इस #CreditPredator को एक मुहिम में तब्दील करेंगे ताकि कानून भी बन सके और मरे हुए लोगों का ज़मीर भी जगे जैसे ब्रिटेन का कोई लिखित संविधान नहीं है पर वो लोग कितने सभ्य हैं कि अपनी परम्परा और परिपाटी को कभी मरने नहीं देते हैं!
Manoj Mairta
Note: अगर इस विचार से सहमत हों तो share ज़रूर करे ताकि एक जागरूकता और मुहिम चल सके!
ये #CreditPredator वर्ड Pravin Yadav ने दिए हैं
#CreditPredator के नाम से एक मुहिम चलाया जा सकता है ताकि Credit हड़पने और इनसे जुड़े लोगों की संवेदनाओं के बारे में जागरूकता आएगी और आगे से कोई भी ऐसा करने से डरेंगे.
आप ये मत सोचिए कि कोई आपको break दे रहा है बल्कि ऐसा सोचिए कि वो आपकी रचना में दम है. अगर किसी के अंदर प्रतिभा है तो उन्हे कौन रोक सकता है भला! बहते पानी को कौन रोक सका है भला आजतक!
मैं इस film industry में इतना नया हूँ तब मुझे पता है कि बड़े directors और producers किसी writers की लिखी script का पहला page फाड़ कर अपना नाम लिख देते हैं बिना किसी शर्म और हया के... कई बड़े lyrics writer है जो किसी नए lyrics writers या music directors के लिखे गाने को अपना नाम दे देते हैं. कोई किसी का धुन चुरा लेते हैं! हम बात सिर्फ़ Directors और producers की ही नहीं कर रहें हैं अगर writing के पेशे से जुड़े लोगों ने भी ऐसा किया है और कर रहें हैं तो उनका भी नाम उजागर होना चाहिए! अगर किसी editor ने किसी फ़िल्म को edit किया है और credit किसी और को मिल गया. फ़िल्म में काम करने वाले ऐसे किसी भी technicians और creative लोग जिनका credit किसी ने खा लाया, हड़प लिया हो, वो सामने आएं और अपनी बात social media पर रख कर #CreditPredator मुहिम से जुड़े!
जावेद अख्तर साहब ने एक किताब में लिखा है कि उन्हें उस जमाने में कोई प्रोड्यूसर 600 रुपये महीना देकर कुछ लिखवाना चाहते हैं पर उनकी लिखी कृति पर उनका नहीं प्रोड्यूसर का नाम होगा. जावेद ऐसे ही जावेद नहीं बने... उन्होंने लिखा है की उस 600 रुपये से उसकी जिंदगी उस समय खुशहाल हो जाती पर वो अपना ज़मीर ज़िंदा नहीं रख पाते.
दूसरी तरफ Anurag Kashyap का भी किस्सा है जो वो खुद बताते है कि बिना पैसे और नाम के कितनी स्क्रिप्ट लिखी जो बनी है.... दोनों उदाहरण हमारे सामने है दोनों सफल है अपने लाइफ में... पर personally कभी अनुराग कश्यप का किस्सा Inspired नहीं किया क्योंकि उन्हों तो अपना कैरियर बना लिया पर इस credit नहीं देने, बिना नाम और पैसे के लिखवा लेने और Writers के स्थिति को और बदतर करने में ही योगदान दिया है. मेरे एक दोस्त Dinkar Sharma ने SWA के website पर एक article लिखा था पंडित मुखराम शर्मा के बारे मे कि कैसे वो इंडिया के पहले superstar writer थे जिनके घर के बाहर producers और directors की लाइन लगे रहती थी ... कैस उनके नाम से फ़िल्म बिकती थीं और लिखा आता था कि पंडित मुखराम शर्मा presents. उनके बाद writers में सलीम-जावेद की हीं जोड़ी का इतना बड़ा रुतबा रहा है. ये भी सोचने वाली बात है. मुझे हमेशा ये जानने की जिज्ञासा रहती है कि अनुराग कश्यप ने वो कौन सी scripts लिखी, फ़िल्म भी बनी पर उसपर नाम नहीं है उनका! अनुराग कश्यप ने #MeToo के मामले में अपनी गलती स्वीकारते हुए एक बड़ा कदम उठाया है क्या वो इस मामले मे भी ऐसा कर पाएँगे.
अगर किसी director को writer या written by लिखने का बहुत शौक है तो वो खुद की एक script लिखे तब पता चलेगा कि writing क्या होती है. सलीम साहब बहुत सही कहते हैं कि आपका ड्राइवर भी Writer होता है वो भी कहता है साहब ये होना चाहिए वो होना चाहिये!
Hollywood में Mario Puzo ने Godfather के director को नॉवल के बराबर एक ब्लैंक page की डायरी भेजी थीं और उसमे एक नोट लिखा था कि अब आप Godfather बना लीजिए. आज भी Godfather पर Mario Puzo's Godfather लिखा आता है.
मुझे भी Rakeysh Omprakash Mehra ने कहा था कि आप मेरे Mario Puzo है.. Krishnchander हैं.. Godfather तो देखी थी पर कृष्णचंदर को नहीं पढ़ा था आज भी नहीं पढ़ पाया हूँ उनकी कोई किताब.. पर अपने यहां के लोगों में किसी चीज़ का टैलंट कम गुमान ज़्यादा रहता है पर मेरे साथ ये सब होगा पता नहीं था.
बहरहाल मैं आशा करता हूँ कि Writers और सभी technicians भी अपनी आपबीती लिख कर सोशल मीडिया के जरिए इस #CreditPredator को एक मुहिम में तब्दील करेंगे ताकि कानून भी बन सके और मरे हुए लोगों का ज़मीर भी जगे जैसे ब्रिटेन का कोई लिखित संविधान नहीं है पर वो लोग कितने सभ्य हैं कि अपनी परम्परा और परिपाटी को कभी मरने नहीं देते हैं!
Manoj Mairta
Note: अगर इस विचार से सहमत हों तो share ज़रूर करे ताकि एक जागरूकता और मुहिम चल सके!
ये #CreditPredator वर्ड Pravin Yadav ने दिए हैं