इस देश कीे हर माँ का बेटा या बेटी ये ठान ले की उन्हें अपनी माँ को खुले में शौच के लिए जाते हुए नहीं देख सकता है तो इस देश के 64 करोड़ लोगों की ये समस्या एक साल में ख़त्म हो जायेगी। नहीं ठान सकते हैं तो एक अहसान ही कर दे हालाँकि ये मूलभूत अधिकार की बात के साथ एक महिला की अस्मिता का भी सवाल है फिर भी हम अगर अहसान ही मान ले और बचपन में माँ से मिली दसियों बर्थडे गिफ्ट्स के बदले इस साल वो अपनी माँ को उनकी जन्मदिन पर एक टॉयलेट बनाकर उन्हें ये गिफ्ट दे तो मुझे लगता है एक साल में ये समस्या पुरे देश से ख़त्म हो सकती है।
#Gift A #Toilet To Your #Mother On Her #Birthday #campaign
#ManojMairta
#Writer of Mere Pyare Prime Minister
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